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Tuesday, August 22, 2017

आतंकी फण्डिंग का हाल्ट लखनऊ तो नहीं?

राष्ट्रीय जांच ऐजेन्सी (एन.आई.ए) को आतंकी फण्डिंग पर संभावनाओं की तलाश के लिए लखनऊ को भी निशाने पर रखना चाहिए। लखनऊ का एक शक्स काफी वर्षों से इसका इनपुट दे रहा है, लेकिन उसकी जानकारी पर अहम ऐजेन्सियां मौन साधे बैठी हैं, क्यों, ये तो वही जानें, लेकिन कश्मीर में की जा रही फंण्डिंग और उत्तर प्रदेश में हुए आतंकी धमाकों में कहीं कोई कनेक्शन तो नहीं, इस पर जांच-पड़ताल और कड़ी नज़र की जरूरत है।

फण्डिंग के नेटवर्क का पता तो तभी चलेगा, जब उस पर हल्के से इनपुट पर ही आप उसे अपने स्कैनर पर रखेंगे। एन०आई०ए० ने कश्मीर में मारे गये छापे में विदेश से फंण्डिंग आने और उन्हे लोकल स्तर पर वितरित करने की रसीदें जब्त की।

कश्मीर का नामी-गिरामी व्यापारी जद्दूर वटाली अपने देश-विदेश में फैले व्यापारिक संस्थानों के माध्यम से आतंकी फण्डिंग का व्यापार चला रहा था। आश्चर्य की बात यह है कि एन०आई०ए० ने जिन बारह स्थानों पर छापेमारी की वे सभी जद्दूर वटाली के हैं। यहां बताना आवश्यक है कि एन०आई०ए, आतंकी फण्डिंग के मामले में हुर्रियत के सात नेताओं को पूर्व में ही यहां से गिरफ्तार कर चुकी है।
एन०आई०ए० पिछले ढ़ाई महीने में 25 से भी अधिक बार जद्दूर वटाली से पूछ-ताछ कर चुकी है तथा वटाली के गुडग़ांव स्थित कार्यालय पर छापा भी मार चुकी है। बावजूद इसके जद्दूर वटाली ने एन०आई०ए को कुछ भी नहीं बताया, काफी ढ़ीठ किस्म का व्यापारी निकला।

आखिरकार एन०आई०ए० ने वटाली की आतंकी फण्डिंग में लिफ्त होने की ठोस सूचना एकत्र करने के बाद उसके रिश्तेदारों के यहॉ छापे मारने की कार्ययोजना बनाई, और उसी के तहत, बारह स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें वटाली के करीबी रिश्तेदार और एक ड्राइवर शामिल है। छापे में बरामद दस्तावेज के बारे में एन०आई०ए ने कोई खुलासा नहीं किया है, और करना भी नहीं चाहिए। वैसे एन०आई०ए ने आतंकी फण्डिंग से जुड़े सुबूत बरामद किये जाने का दावा जरूर किया है।
उपरोक्त के सन्दर्भ में आपको बता दें कि यू०पी० ए०टी०एस० बांग्ला और अरबी जानने वालों के जरिए फैजान के यहां से मिले दस्तावेजों का अनुवाद करवा रही है।

सतीश प्रधान

(लेखक: वरिष्ठ पत्रकार,स्तम्भकार एवं स्वतंत्र टिप्पणीकार है)

Wednesday, February 1, 2012

हिन्दू किशोरियों को नापाक करता पाक

          पाकिस्तान के दक्षिणी हिस्से में बसे प्रमुख शहर करांची में एक हिन्दू किशोरी का पहले तो जबरन धर्म परिवर्तन कराकर इस्लाम कबूल कराया गया और इसके बाद उसकी करांची के ल्यारी क्षेत्र के मुस्लिम अपराधी युवक आबिद से शादी करा दी गई। कहने के लिए वहॉं कि एक स्थानीय अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है।
          इस लड़की का नाम भारती है, जिससे जबरन इस्लाम कबूल करवाकर उसका नाम आयशा कर दिया गया है। लड़की को जब अदालत में पेश किया गया तो वह काले रंग की मुस्लिम औरतों की पोशाक अबाया पहने हुई थी। उसे इस कदर डराया-धमकाया गया था कि वह अपने माता-पिता तक से बात करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी।
          वैसे भी पाकिस्तान में हिन्दूओं के साथ यह आम बात है। हिन्दू किशोरियों के साथ पहले तो बलात्कार किया जाता है, और यदि ज्यादा शोर-शराबा हुआ तो किसी मुस्लिम के साथ उसकी शादी की रस्म अदायगी कर उसे जायज ठहराने का अम्ली जामा पहनाया जाता है। हिन्दू लड़कियों के साथ ऐसा घिनौना अपराध आम बात है जिसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं है। इसलिए स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि पाकिस्तान में हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं।
          मुसलमानों में चूंकि चार शादियां जायज हैं, इसी बिना पर वह हिन्दू लड़कियों के साथ पहले रेप करते हैं, और जब फंसने का नम्बर आता है तो निकाह कर लेते हैं और इसके पश्चात उस लड़की को वेश्या की तरह इस्तेमाल करते हैं। क्या इसके विरूद्ध आवाज उठाने की हिम्मत किसी भारतीय में नहीं है अथवा केवल मंदिर वहीं बनायेंगे और देश को मूर्ख बनायेंगे, इसी नारे से हिन्दुत्व को जिन्दा रखेगी, हिन्दूओं की रहनुमा कहलाई जाने वाली पार्टी क्या पूरे विश्व में फैले हिन्दूओं की रक्षा का दायित्व निभा सकने में असमर्थ है।
          करांची स्थित भारतीय दूतावास क्या कर रहा है, गम्भीर चिंता का विषय है! क्या करांची स्थित दूतावास में माधुरी गुप्ता जैसे ही अधिकारी तैनात हैं जो आईएसआई का पैसा खाकर उनके तलुये चाट रहे हैं? भारत की राजनीति में क्या इस पर किसी राजनीतिक दल की प्रतिक्रिया नहीं आनी चाहिए? कोई ऐसी ठोस व्यवस्था नहीं होनी चाहिए जिससे ऐसी घिनौनी साजिश पर विराम लग सके। (सतीश प्रधान)