पाकिस्तान के दक्षिणी हिस्से में बसे प्रमुख शहर करांची में एक हिन्दू किशोरी का पहले तो जबरन धर्म परिवर्तन कराकर इस्लाम कबूल कराया गया और इसके बाद उसकी करांची के ल्यारी क्षेत्र के मुस्लिम अपराधी युवक आबिद से शादी करा दी गई। कहने के लिए वहॉं कि एक स्थानीय अदालत में इस मामले की सुनवाई चल रही है।
इस लड़की का नाम भारती है, जिससे जबरन इस्लाम कबूल करवाकर उसका नाम आयशा कर दिया गया है। लड़की को जब अदालत में पेश किया गया तो वह काले रंग की मुस्लिम औरतों की पोशाक अबाया पहने हुई थी। उसे इस कदर डराया-धमकाया गया था कि वह अपने माता-पिता तक से बात करने की हिम्मत नहीं जुटा सकी।
वैसे भी पाकिस्तान में हिन्दूओं के साथ यह आम बात है। हिन्दू किशोरियों के साथ पहले तो बलात्कार किया जाता है, और यदि ज्यादा शोर-शराबा हुआ तो किसी मुस्लिम के साथ उसकी शादी की रस्म अदायगी कर उसे जायज ठहराने का अम्ली जामा पहनाया जाता है। हिन्दू लड़कियों के साथ ऐसा घिनौना अपराध आम बात है जिसकी कहीं कोई सुनवाई नहीं है। इसलिए स्पष्ट रूप से कहा जा सकता है कि पाकिस्तान में हिन्दू सुरक्षित नहीं हैं।
मुसलमानों में चूंकि चार शादियां जायज हैं, इसी बिना पर वह हिन्दू लड़कियों के साथ पहले रेप करते हैं, और जब फंसने का नम्बर आता है तो निकाह कर लेते हैं और इसके पश्चात उस लड़की को वेश्या की तरह इस्तेमाल करते हैं। क्या इसके विरूद्ध आवाज उठाने की हिम्मत किसी भारतीय में नहीं है अथवा केवल मंदिर वहीं बनायेंगे और देश को मूर्ख बनायेंगे, इसी नारे से हिन्दुत्व को जिन्दा रखेगी, हिन्दूओं की रहनुमा कहलाई जाने वाली पार्टी क्या पूरे विश्व में फैले हिन्दूओं की रक्षा का दायित्व निभा सकने में असमर्थ है।
करांची स्थित भारतीय दूतावास क्या कर रहा है, गम्भीर चिंता का विषय है! क्या करांची स्थित दूतावास में माधुरी गुप्ता जैसे ही अधिकारी तैनात हैं जो आईएसआई का पैसा खाकर उनके तलुये चाट रहे हैं? भारत की राजनीति में क्या इस पर किसी राजनीतिक दल की प्रतिक्रिया नहीं आनी चाहिए? कोई ऐसी ठोस व्यवस्था नहीं होनी चाहिए जिससे ऐसी घिनौनी साजिश पर विराम लग सके।
(सतीश प्रधान)