फण्डिंग के नेटवर्क का पता तो तभी चलेगा, जब उस पर हल्के से इनपुट पर ही आप उसे अपने स्कैनर पर रखेंगे। एन०आई०ए० ने कश्मीर में मारे गये छापे में विदेश से फंण्डिंग आने और उन्हे लोकल स्तर पर वितरित करने की रसीदें जब्त की।
कश्मीर का नामी-गिरामी व्यापारी जद्दूर वटाली अपने देश-विदेश में फैले व्यापारिक संस्थानों के माध्यम से आतंकी फण्डिंग का व्यापार चला रहा था। आश्चर्य की बात यह है कि एन०आई०ए० ने जिन बारह स्थानों पर छापेमारी की वे सभी जद्दूर वटाली के हैं। यहां बताना आवश्यक है कि एन०आई०ए, आतंकी फण्डिंग के मामले में हुर्रियत के सात नेताओं को पूर्व में ही यहां से गिरफ्तार कर चुकी है।
एन०आई०ए० पिछले ढ़ाई महीने में 25 से भी अधिक बार जद्दूर वटाली से पूछ-ताछ कर चुकी है तथा वटाली के गुडग़ांव स्थित कार्यालय पर छापा भी मार चुकी है। बावजूद इसके जद्दूर वटाली ने एन०आई०ए को कुछ भी नहीं बताया, काफी ढ़ीठ किस्म का व्यापारी निकला।
एन०आई०ए० पिछले ढ़ाई महीने में 25 से भी अधिक बार जद्दूर वटाली से पूछ-ताछ कर चुकी है तथा वटाली के गुडग़ांव स्थित कार्यालय पर छापा भी मार चुकी है। बावजूद इसके जद्दूर वटाली ने एन०आई०ए को कुछ भी नहीं बताया, काफी ढ़ीठ किस्म का व्यापारी निकला।
आखिरकार एन०आई०ए० ने वटाली की आतंकी फण्डिंग में लिफ्त होने की ठोस सूचना एकत्र करने के बाद उसके रिश्तेदारों के यहॉ छापे मारने की कार्ययोजना बनाई, और उसी के तहत, बारह स्थानों पर छापेमारी की, जिसमें वटाली के करीबी रिश्तेदार और एक ड्राइवर शामिल है। छापे में बरामद दस्तावेज के बारे में एन०आई०ए ने कोई खुलासा नहीं किया है, और करना भी नहीं चाहिए। वैसे एन०आई०ए ने आतंकी फण्डिंग से जुड़े सुबूत बरामद किये जाने का दावा जरूर किया है।
उपरोक्त के सन्दर्भ में आपको बता दें कि यू०पी० ए०टी०एस० बांग्ला और अरबी जानने वालों के जरिए फैजान के यहां से मिले दस्तावेजों का अनुवाद करवा रही है।
उपरोक्त के सन्दर्भ में आपको बता दें कि यू०पी० ए०टी०एस० बांग्ला और अरबी जानने वालों के जरिए फैजान के यहां से मिले दस्तावेजों का अनुवाद करवा रही है।
सतीश प्रधान
(लेखक: वरिष्ठ पत्रकार,स्तम्भकार एवं स्वतंत्र टिप्पणीकार है)