दिल्ली स्थित, भारत के राष्ट्रपति भवन और इण्डिया गेट के बीच का रास्ता, भारत की सत्ता का रेड कारपेट एरिया है। इस पथ पर 1 अक्टूबर 2011 को फॉर्मूला-1 रेस चैम्पियन टीम, रेड बुल के स्पीड स्ट्रीट शो का आयोजन हुआ। आयोजन से पूर्व सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये। राजपथ के दोनों ओर करीब साढ़े चार फुट ऊंची रेलिंग लगाई गई, जिसके पीछे खड़े होकर रफ्तार का लुत्फ उठाया जाना था। रेस में भले ही हमारे जीन्स ब्रिटिशर्स के विपरीत हों, लेकिन अपनी धरती पर हम यह दिखाने की भरपूर कोशिश करते हैं कि हमारी मानसिकता अपने ही भारतीयों के प्रति ब्रिटिर्शस से कम नहीं है। इसीलिए राजपथ के एक ओर आम लोगों के लिए और दूसरी ओर खास लोगों के लिए व्यवस्था की गई। दोनों ओर के प्रवेश द्वार पर मैटल डिटेक्टर भी लगाये गये।
01अक्टूबर 2011 की दोपहर 12 बजे से ही राजपथ के दोनों ओर दर्शक एकत्र होने शुरू हो गये थे, जिनमें बच्चे, बूढ़े और नौजवान युवक- युवतियों की भरमार थी, जिनके चेहरों की चमक से ही इस शुरू के आयोजन का रोमांच साफ दिखाई दे रहा था। हजारों की भीड़ इसलिए भी एकत्र थी, क्योंकि उनमें से 90 प्रतिशत दर्शक 30 अक्टूबर को आयोजित होने वाली इण्डियन ग्राण्ड प्रिक्स, फॉर्मूला-1 रेस को टिकट लेकर देखने में समर्थ नहीं थे। चूंकि प्रिन्ट और इलैक्ट्रानिक मीडिया ने इस आयोजन को इतना प्रचारित कर दिया था कि सारी जनता को यह पता चल चुका था कि हिन्दुस्तान में फॉर्मूला-1 रेस, ग्रेटर नोएडा में पहली बार आयोजित होने जा रही है, जो इससे पूर्व विदेश में ही आयोजित हुआ करती थी।
शो दिन के 2 बजे शुरू हुआ। पहले मोटरसाइकिल सवारों और उसके बाद कार सवारों ने तेज रफ्तार के साथ कुछ हैरतअंगेज स्टंट भी दिखाए, फिर हिस्पेनिया टीम के आस्ट्रेलियाई ड्राइवर डेनियल रिकॉर्डो जलवा दिखाने मैदान पर उतरे। इन्हें झण्डी दिखाई भारत के केन्द्रीय पर्यटन मंत्री सुबोधकान्त सहाय ने। टोरो रोसो और रेड बुल के ड्राइवर डेनियल ने जैसे ही कार को स्पीड दी लोगों के रोमांच को भी स्पीड पकड़ते देर न लगी। देखते ही देखते डेनियल ने लगभग 270 से 280 किलोमीटर प्रतिघन्टे की स्पीड थाम कर दर्शकों के रोमांच को सिरहन में तब्दील कर दिया। इस आयोजन में रेड बुल का इवेन्ट पार्टनर भारत से प्रकाशित होने वाला एक हिन्दी दैनिक समाचार-पत्र भी था।
सतीश प्रधान