यू0बी0 समूह के चेयरमैन विजय माल्या, भारत में फॉर्मूला-1 रेस का ख्वाब देखने वाले उन चंद लोगों में से हैं, जिन्होंने इसके लिए शुरूआती कोशिशें की हैं। लेकिन उनके ख्वाब को उत्तर प्रदेश की सरजमीं, ग्रेटर नोएडा स्थित बुद्ध इण्टरनेशनल सर्किट पर उतारने के लिए रोज़ाना 20 घन्टे की कड़ी मेहनत और करोड़ों रूपया पानी की तरह बहाने वाले जे0पी0एस0आई0एल0 के अध्यक्ष श्री मनोज
गौण एवं प्रबन्ध निदेशक श्री समीर गौण इस अनूठे आयोजन से बहुत ही रोमांचित हैं। निःसन्देह औद्योगिक घरानों में हाथी की भूमिका रखने वाले जे0पी0ग्रुप के ही बूते की बात है कि उसने इस आयोजन को भारत में आयोजित कराने के लिए जो दिलचस्पी, भाग-दौड़, और विशेष रूप से अपना ध्यान दूसरी प्रोजेक्ट से हटाकर इस प्रोजेक्ट पर लगाया है, काबिले तारीफ है। इससे इण्डिया का नाम खेल जगत में अवश्य शीर्ष पर पहुंचेगा। इसके लिए श्री मनोज गौण एवं श्री समीर गौण ने वर्ष 2010 में भारत में पहली फॉर्मूला-1 रेस की मेजवानी के लिए एफओए के साथ एमओयू पर साइन किया था.
श्री समीर गौण ने निःसन्देह अपना, अपने भ्राताश्री मनोज गौड़ एवं अपने पिताश्री जयप्रकाश गौण (जिनके दम पर सारा जे0पी0ग्रुप खड़ा है),एवं अपने परिवार सहित सिद्धान्त एवं शुभंकर के भी अरमानों को पंख लगाये हैं। मृदुभाषी,कर्मठ,जोशीले एवं फुर्तीले समीर गौण वे वीर हैं जिन्होंने अपने अदभुत एवं चुनौती भरे कार्यों से अपना एवं अपने पिताश्री का नाम निश्चित रूप से अमर कर लिया है। यद्यपि ये ऊपर से प्रचंड, कठोर एवं विस्फोटक नज़र आते हैं, लेकिन अन्दर से उतने ही कोमल भी हैं। यह उनका एक महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है, जिसने उनके नाम के साथ-साथ हिन्दुस्तान और उत्तर प्रदेश का नाम भी ऊंचा किया है। उ0प्र0 की मुख्यमंत्री सुश्री मायावती के लिए भी यह गौरवान्वित होने का विषय है, क्योंकि उनके ही शासनकाल में यह शुरू हुआ और इस पर 30 अक्टूबर 2011 को उनके ही मुख्यमंत्रित्वकाल में 17वीं इण्डियन ग्रांड प्रिक्स रेस भी होने जा रही है। इस प्रोजेक्ट ने जितना रोमांचित श्री समीर गौण को किया है, उससे कम रोमांचित इस देश को भी नहीं किया है। इसी के साथ अधिकतम रोमांचित होने वालों में भारत की पहली फॉर्मूला-1 टीम के एरिस्टोक्रैट मालिक श्री विजय माल्या और निडर ड्राइवर कार्तिकेयन भी हैं, जो अति उत्साहित हैं। इस आयोजन ने भारत का नाम विश्व पटल पर स्वर्ण अक्षरों में लिख दिया है। इसे अभी आमजन को समझने में वक्त लगेगा, लेकिन आने वाला समय बतायेगा कि भारत को अपार विदेशी मुद्रा दिलाने में यह किसी भी मायने में आगरा के ताजमहल से कम नहीं होगा।
जैसे-जैसे इण्डियन ग्रांड प्रिक्स का समय आ रहा है, इण्डिया फैक्टर भी जोर मार रहा है। भारत के पहले फॅार्मूला-1 निडर ड्राइवर नरेन कार्तिकेयन भी इण्डियन ग्रांड प्रिक्स में अपनी हिस्पेनिया टीम का प्रतिनिधित्व करने के लिए खासे रोमांचित हैं। दुनियाभर की 12 टीमें, उनके मालिक और कुल 24 निडर ड्राइवर इस समय सिंगापुर ग्रांड प्रिक्स पर नजरें गड़ाये हुए हैं जो 23 से 25 सितम्बर तक चलेगी। ध्यान रहे इस सत्र में कुल 19 रेस ही होनी है। इनमें से 13 हो चुकी हैं। 9 से 11 सितम्बर को इटली के मोंजा में हुई रेस 13वीं थी, जिसके साथ यूरोप का सफर पूरा हो गया है। अब एशिया का सफर शुरू हो रहा है। एशियाई चैलेंज का आगाज सिंगापुर ग्रांड प्रिक्स से होगा। इसके बाद जापान, कोरिया, इण्डिया (28 से 30 अक्टूबर को ग्रेटर नोएडा के बुद्ध इण्टरनेशनल सर्किट)में, अबुधाबी एवं अन्त में 19वीं रेस 25 से 27 नवम्बर को ब्राजील के साओ पाउलो में समपन्न होगी।
अबतक के चरण में कुल 36 अंको के साथ छठे पायदान पर मौजूद अपनी टीम फोर्स इण्डिया के प्रदर्शन से विजय माल्या अभिभूत हैं और उन्हें सिंगापुर ग्रांड प्रिक्स सहित आगामी रेसों में खासकर इण्डियन ग्रांड प्रिक्स तक अपने जर्मन निडर ड्राइवर एडियन सुटिल ओैर ब्रिटिश पॉल डि रेस्टा से काफी उम्मीदें हैं। श्री विजय माल्या को भारतीय समर्थकों के साथ की विशेष दरकार है। उनका मानना है कि अपनों का साथ हौसला बढ़ाने में उत्प्ररेक का काम करता है। उन्हें भारत में ही नहीं अपितु सिंगापुर में भी फायदा मिलने की उम्मीद है, क्योंकि सिंगापुर में भारतीयों की तादाद अत्यधिक है। इण्डियन ग्रांड प्रिक्स, फॅार्मूला-1 रेस में भाग लेने आ रही 12 टीमों के निडर ड्राइवर और फॅार्मूला-1 व एफओए के वीवीआईपी अधिकारी 25 से 30 अक्टूबर तक ग्रेटर नोएडा स्थित जे0पी0गोल्फ रिर्सोट में ठहरेंगे। रेस तो 30 अक्टूबर को होनी है, जबकि 28 और 29 अक्टूबर को पोजीशन के लिए अभ्यास रेस होगी।
25 अक्टूबर तक टीमें यहाँ पहुच जाएंगी। रेस के आयोजक जे0पी0एस0आई0एल0 को टीमों की सुरक्षा की भी बड़ी जिम्मेदारी संभालनी है। टीमों को ठहराने और रेस सत्र के दौरान तीन दिन तक लाने-ले-जाने के लिए
जेपीएसआईएल ने फूल प्रूफ प्लान तैयार किया है। जे0पी0 गोल्फ रिर्सोट को, सर्किट के नजदीक होने के कारण सुरक्षा के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ माना गया है। जे0पी0 समूह के स्वामित्व में होने के कारण यहाँ किसी पाँच सितारा होटल की अपेक्षा सुरक्षा बन्दोबस्त और भी पुख्ता तरीके से किये जाने के संकेत मिले हैं। मालूम हो कि जे0पी0 समूह पाँच सितारा होटल चेन का भी बखूबी संचालन करता है। पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री परवेज मुशरर्फ, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेई से वार्ता करने जब आगरा आये थे तो आगरा के जे0पी0 पैलेस होटल में ही ठहरे थे। इसी एकमात्र तथ्य से जे0पी0 के होटल की हैसियत का अन्दाजा लगाया जा सकता है।
जेपीएसआईएल ने फूल प्रूफ प्लान तैयार किया है। जे0पी0 गोल्फ रिर्सोट को, सर्किट के नजदीक होने के कारण सुरक्षा के लिहाज से सर्वश्रेष्ठ माना गया है। जे0पी0 समूह के स्वामित्व में होने के कारण यहाँ किसी पाँच सितारा होटल की अपेक्षा सुरक्षा बन्दोबस्त और भी पुख्ता तरीके से किये जाने के संकेत मिले हैं। मालूम हो कि जे0पी0 समूह पाँच सितारा होटल चेन का भी बखूबी संचालन करता है। पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री परवेज मुशरर्फ, भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी बाजपेई से वार्ता करने जब आगरा आये थे तो आगरा के जे0पी0 पैलेस होटल में ही ठहरे थे। इसी एकमात्र तथ्य से जे0पी0 के होटल की हैसियत का अन्दाजा लगाया जा सकता है।
फरारी मर्सिडीज, रेड बुल रेनां, मैकलारेन, हिस्पेनिया और फोर्स इण्डिया सहित कुल 12 टीमों और उनके अधिकारियों के रूकने का प्रबन्ध जे0पी0गोल्फ रिर्सोट में ही किया गया है। इन प्रत्येक टीमों के साथ दो मुख्य निडर ड्राइवर, टीम के मालिकान, प्रबन्धक, फॉर्मूला-1 और एफओए के शीर्ष अधिकारी भी मौजूद होंगे। सात बार के चैम्पियन माइकल शूमाकर, फर्नाडो ओलांसो, सेबेस्टियन विटेल, जेसन बटन, लुइस हेमिल्टन, फेलिप मासा और मार्क बेवर जैसे स्टार निडर ड्राइवर, अंर्तराष्ट्रीय स्तर पर बेहद लोकप्रिय हैं। जे0पी0एस0आई0एल0 के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि उसकी जिम्मेदारी केवल टीम और अधिकारियों को ठहराने व सुरक्षा देने तक ही सीमित है, जबकि रेस देखने के लिए आने वाले करीब 50 से 60 हजार विदेशी, करीब 20 हजार वीवीआईपी दर्शक और अंर्तराष्ट्रीय मीडिया के लोग अपने ठहरने के स्थल का चयन अपनी-अपनी सुविधा के अनुसार स्वंय करने के लिए स्वतन्त्र हैं। भारतीय दर्शकों को फॅार्मूला-1 रेस देखकर तुरन्त एहसास होगा कि अरे ऐसी पहली रेस तो हमारे भारतीय हीरो फिरोजखान कई वर्ष पहले जीत चुके हैं। यह बात अलग है कि उन्होंने यह रेस फिल्म अपराध में जीती,जिसमें उनकी हीरोइन मुमताज थीं।
सतीश प्रधान
सतीश प्रधान