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Saturday, January 30, 2021

बिलों पर मोदी बनाते थे दबाव: अंसारी



भारत के पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने अपनी आत्मकथा बाय मैनी अ हैप्पी एक्सीडेंट में दावा किया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन पर हंगामे के बीच राज्यसभा में बिलों को पारित करने का दबाव डाला था। अंसारी के मुताबिक उन्होंने हंगामे के बीच किसी भी बिल को पारित करने से इनकार किया था।

अंसारी ने किताब में लिखा है कि एक दिन अचानक पीएम मोदी उनके कमरे में आ गए। सामान्य तौर पर ऐसा नहीं होता कि कोई पीएम बिना किसी कार्यक्रम के ऐसे सभापति से मिले। लेकिन पीएम पहुंचे और बोले कि सभापति के रूप में उनकी यह भूमिका की कोई भी बिल हंगामे में पारित नहीं होगा] राज्यसभा से बिल पारित कराने में अड़चन पैदा कर रहा है।

उन्होंने कहा कि आप से बड़ी जिम्मेदारियों की अपेक्षा है, लेकिन आप मेरी मदद नहीं कर रहे हैं। अंसारी ने इस किताब में लिखा है कि एनडीए को ऐसा लगा कि लोकसभा में उसका बहुमत उसे राज्यसभा के नियमों को दरकिनार करने का नैतिक अधिकार देता है। अपनी किताब में अंसारी ने कहा है कि उन्होंने बतौर राज्यसभा के सभापति, निर्णय लिया था कि वह कोई भी विधेयक हंगामे और शोर-शराबे में पारित नहीं होने देंगे।

Monday, January 25, 2021

भारतीय गणतंत्र दिवस पर इतिहास की अजूबी किसान ट्रैक्टर रैली

विश्व की यह पहली किसान क्रान्ति है जिसका किसान आंदोलन के रूप में आज 61वां दिन है। मंगलवार यानी 26 जनवरी 2021 को जब किसान आंदोलन अपने 62वें दिन में प्रवेश करेगें तो विश्व पटल पर एक नया इतिहास रचा जायेगा। एक तरफ जहां पारंपरिक रूप से राजपथ पर परेड निकलेगी तो वहीं दूसरी तरफ किसान ट्रैक्टर रैली का एक विहंगम दृश्य अवलोकित होगा जो निश्चित रूप से एक ऐसा इतिहास लिखेगा जो अबतक की सारी क्रान्तियों को पीछे छोड़ देगा। 




पिछले दो महीने से किसान भारत की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर आनन-फानन में लाये गये तीन नए कृषि कानून के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं। लगभग एक दर्जन दौर की बातचीत सरकार और किसानों के बीच हो चुकी है। लेकिन नतीजा ढ़ाक के तीन पात बराबर ही है। किसान जहां नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं तो वहीं सरकार वापस लेने की बजाय संशोधन पर ही जोर दे रही है।

बहरहाल विश्वभर की निगाहें भारत में होने वाली कल की ट्रैक्टर रैली पर टिकी हैं। दिल्ली पुलिस के इस खुलासे के बाद कि पाकिस्तान से ट्रैक्टर परेड के दौरान हिंसा भड़काने की कोशिश हो रही है। सुरक्षा व्यवस्था सख्त कर दी गई है। दिल्ली पुलिस के अनुसार, 13 से 18 जनवरी के बीच दिल्ली पुलिस की खुफिया शाखा ने पाकिस्तान से संचालित हो रहे 308 ट्विटर हैंडिल की पहचान की है। इनके जरिए किसान आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने की साजिश रची जा रही थी। यह खुलासा दिल्ली पुलिस इंटेलिजेंस के स्पेशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक ने किया है।




संयुक्त किसान मोर्चा की प्रेस रिलीज

दिल्ली पुलिस के इस खुलासे के बाद किसान संगठन भी सतर्क हो गए हैं और उन्होंने रैली में शामिल होने के लिए एक गाइडलान जारी की है। संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से योगेंद्र यादव ने परेड से संबंधित जानकारियां साझा की हैं। उसके अनुसार, परेड में ट्रैक्टर और दूसरी गाड़ियां चलेंगी, लेकिन ट्रॉली नहीं जाएगी। जिन ट्रालियों में विशेष झांकी बनी होगी, उन्हें छूट दी जा सकती है। मोर्चा ने परेड में शामिल होने के इच्छुक लोगों के लिए एक नंबर भी जारी किया है, जिस पर मिस्ड कॉल देने पर व्यक्ति परेड में शामिल हो सकता है।

24 घंटे का रखना होगा राशन-पानी

साथ ही परेड में शामिल लोगों को अपने साथ 24 घंटे का राशन-पानी का इंतजाम भी करने को कहा गया है, ताकि जाम में फंसने पर किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े। हर ट्रैक्टर या गाड़ी पर किसान संगठन के झंडे के साथ-साथ राष्ट्रीय झंडा भी लगाया जाए। ट्रैक्टर या परेड में किसी भी राजनीतिक पार्टी का झंडा नहीं लगेगा। साथ ही लोगों को किसी भी तरह हथियार रखने और भड़काऊ नारा लगाने से भी परहेज करने को कहा गया है।

जरूरी सूचना: किसान गणतंत्र परेड में इन राज्यों से दिल्ली आए जो किसान अपने राज्य की झांकी में हिस्सा लेना चाहते हैं वो तुरंत संपर्क करें।

राज्य: हिमाचल, गुजरात, गोवा, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़,झारखंड, बिहार, सिक्किम, मेघालय, मणिपुर,मिजोरम, नागालैंड,अरुणाचल

संपर्क: 9872890401 pic.twitter.com/iDtwbxZyma

— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) January 24, 2021

परेड के दौरान हिदायतें

मोर्चा ने परेड के दौरान की हिदायत जारी करते हुए कहा है कि परेड की शुरुआत किसान नेताओं की गाड़ी से होगी। उनसे पहले कोई ट्रैक्टर या गाड़ी रवाना नहीं होगी। वहीं परेड में शामिल सभी को हरे रंग की जैकेट पहने ट्रैफिक वॉलिंटियर की हर हिदायत को मानना ही पड़ेगा।

सभी गाड़ियां तय रूट पर ही चलेंगी, जो गाड़ी रूट से बाहर जाने की कोशिश करेगी, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अगर कोई गाड़ी सड़क पर बिना कारण रुकने या रास्ते में डेरा जमाने की कोशिश करती है, तो वॉलंटियर उन्हें हटाएंगे। एक ट्रैक्टर पर ज्यादा से ज्यादा ड्राइवर समेत पांच लोग सवार होंगे। बोनट, बंपर या छत पर कोई नहीं बैठेगा। ट्रैक्टर में कोई अपना ऑडियो डेक नहीं बजाएगा। परेड में किसी भी किस्म के नशे की मनाही रहेगी। साथ ही औरतों की इज्जत करनी होगी और सड़क पर कचरा फेंकना मना होगा।

इमरजेंसी की हिदायतें

परेड के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए भी मोर्चे की तरफ से कुछ हिदायतें जारी की गई हैं, जिसके अनुसार लोगों को अफवाह से बचने और सूचना की प्रामाणिकता जांचने की सलाह दी गई है। परेड में एंबुलेंस की व्यवस्था भी रहेगी।

जरूरी सूचना: किसान गणतंत्र परेड में इन राज्यों से दिल्ली आए जो किसान अपने राज्य की झांकी में हिस्सा लेना चाहते हैं वो तुरंत संपर्क करें।

राज्य: हिमाचल, गुजरात, गोवा, तमिलनाडु, तेलंगाना, छत्तीसगढ़,झारखंड, बिहार, सिक्किम, मेघालय, मणिपुर,मिजोरम, नागालैंड,अरुणाचल

संपर्क: 9872890401 pic.twitter.com/iDtwbxZyma

— Yogendra Yadav (@_YogendraYadav) January 24, 2021

किसी भी तरह की मेडिकल इमरजेंसी होने पर हेल्पलाइन नंबर या नजदीकी वालंटियर से संपर्क करने की सलाह दी गई है। ट्रैक्टर या गाड़ी खराब होने की स्थिति में उसे बिल्कुल साइड में लगाया जाएगा और किसी भी तरह की वारदात होने पर पुलिस से संपर्क करने की सलाह दी गई है।

ट्रैक्टरों की संख्या से जुड़े सवाल के जवाब में स्पेशल कमिश्नर दीपेंद्र पाठक ने बताया कि अभी ट्रैक्टरों की संख्या का पता नहीं चल पाया। मौजूदा समय में दिल्ली के चारों प्रदर्शन स्थल पर लगभग 10 से 12 हजार ट्रैक्टर मौजूद हैं। अभी कुछ ट्रैक्टरों के आने की भी सूचना है तो ऐसे में हम उम्मीद लगा रहे हैं कि 14 से 15 हजार ट्रैक्टर किसान परेड में शामिल होंगे। किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान परेड का दिल्ली में 100 किलोमीटर से ज्यादा का रूट होगा। इन सभी मार्गों पर दिल्ली पुलिस द्वारा सुरक्षा के विशेष इंतजाम भी किए जाएंगे।

किसान संगठनों का दावा

ट्रैक्टर रैली के बारे में किसान यूनियन के सदस्य जसवंत सिंह ने बताया कि 26 तारीख को अलग-अलग राज्यों से लगभग 30 लाख ट्रैक्टर दिल्ली पहुंचेंगे। इसमें 1 लाख ट्रैक्टर पंजाब से, 1.5 लाख ट्रैक्टर हरियाणा से, 50 हजार ट्रैक्टर यूपी से, 50 हजार ट्रैक्टर राजस्थान से, 25 हजार ट्रैक्टर उत्तराखंड से आ रहे हैं। इसके अलावा 50 हजार ट्रैक्टर बिहार और अन्य कई राज्यों से भी आ रहे हैं। इसमें मध्य प्रदेश, केरल और गुजरात आदि राज्य शामिल हैं। इस ट्रैक्टर रैली में 3 करोड़ किसान शामिल होंगे जो सरकार को अपनी एकता का सुबुत देंगे।



निकलेंगी झांकियां

आंदोलनकारी किसानों की 'गणतंत्र दिवस ट्रैक्टर परेड' में विभिन्न राज्यों की कई झांकियां होंगी जो ग्रामीण जीवन, केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के साथ ही आंदोलनकारियों के साहस को दर्शाएंगी। यह जानकारी आयोजकों ने दी। एक किसान नेता ने बताया कि प्रदर्शन में शामिल होने वाले सभी संगठनों को परेड के लिए झांकी तैयार करने का निर्देश दिया गया है। उन्होंने कहा, देशभर से लगभग एक लाख ट्रैक्टर-ट्रॉलियां परेड में शामिल होंगी। इनमें से लगभग 30 प्रतिशत पर विभिन्न विषयों पर झांकियां होंगी, जिसमें भारत में किसान आंदोलन का इतिहास, महिला किसानों की भूमिका और विभिन्न राज्यों में खेती के अपनाये जाने वाले तरीके शामिल होंगे।

भ्रष्टाचार से घिरे नेतन्याहू

इजराइल में भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ साप्ताहिक प्रदर्शन क लिए यरूशलम में हजारों लोग जमा हुए और उनसे इस्तीफे की मांग की। इसके अलावा देश के अन्य हिस्सों में भी चौराहों और पुलों पर कई छोटे-छोटे प्रदर्शन भी हुए।



नेतन्याहू पर धोखाधड़ी, विश्वासघात और तीन मामलों में रिश्वत लेने के आरोप लग रहे हैं। ये मामले उनके अरबपति सहयोगीयों और मीडिया के क्षेत्र के दिग्गजों से जुड़े हैं। लगभग यही हालात भारत के भी हैं, यहॉं तो ऐसी मीडिया को गोदी मीडिया के नाम से पहचान मिल गई है। इसे अब पहचान का संकट नहीं रहा।

इससे इतर नेतन्याहू इन सभी आरोपों से इंकार करते हैं और ऐसा सभी करते ही हैं। दूसरी तरफ प्रदर्शनकारियों का कहना है कि आरोप के साथ वह उचित तरीके से देश का नेतृत्व नहीं कर सकते हैं। पिछले साल गर्मी के मौसम से ही प्रत्येक सप्ताह इन प्रदर्शनों का आयोजन किया जा रहा है। खास तौर पर यरूशलम के एक चौराहे पर नेतन्याहू के आधिकारिक आवास के निकट विरोध प्रदर्शन का आयोजन होता है।

सर्दी के मौसम में भले ही इसमें शामिल होने वाले लोगों की संख्या कम हुई हो लेकिन प्रदर्शन जारी रहा। इजराइल में दो वर्ष की भीतर मार्च में चौथी बार चुनाव होंगे और प्रधानमंत्री को अपनी लिकुड पार्टी (A centre-right political party in Israel ) के भीतर भी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।